राजकीय शिशु प्रशिक्षण महिला महाविद्यालय, प्रयागराज की स्थापना सन् 1951-52 में शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत इलाहाबाद (प्रयागराज का पूर्वनाम) में की गयी जिसमें रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षायें उत्तर प्रदेश ( वर्तमान परीक्षा नियामक प्रधिकारी प्रयागराज उ0प्र0) द्वारा चयनित 34 महिला प्रशिक्षणार्थियो को सेवापूर्व शिशु प्रशिक्षण के द्विवर्षीय पाठ्यक्रम हेतु प्रवेश देकर शिक्षक प्रशिक्षक प्रमाण पत्र दिया जाता रहा है।
सन् 1981 में राज्य शैक्षिक अनुसन्धान प्रशिक्षण परिषद उ0प्र0 की स्थापना क पश्चात संस्थान के तत्वावधान में समस्त शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों ने अपना कार्य सुचारु रुप से करना प्रारम्भ किया। इसी के तहत राजकीय शिशु प्रशिक्षण महिला महाविद्यालय प्रयागराज में शिशु शिक्षा के निमित्त किण्डर गार्टन, माण्टेसरी. एवं नर्सरी के आधारभूत उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु तीनों विधियों - खेल द्वारा शिक्षा, आत्म शिक्षा तथा व्यक्तिगत शिक्षा का प्रयोग करते हुए प्रशिक्षुओँ को उच्च कोटि का शिशु- शिक्षक तैयार करने का प्रयास अनुभवी शिक्षिकाओं के द्वारा किया जाता है।
#Read More...
Vision:-
1. अपने क्षेत्र में कुशल शिक्षक बनाने के प्रयास जो शिक्षा के सभी प्रकार के दुर्गम मामलों को आसानी से सम्भालने में सक्षम हो।
2. शिक्षा को वहनीय और बोधगम्य एवं मनोरंजक बनाने हेतु आदर्श शिक्षक तैयार हों।
3. प्रत्येक बच्चे को बुनियादी शिक्षा प्रदान करना है।
4. शिक्षा के आधार को मौलिक रूप से मजबूती प्रदान करना है।
5. नवाचारों से युक्त गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करना है।
Mission:-
1. पूर्व प्राथमिक / प्राथमिक शिक्षा हेतु आदर्श शिक्षिकाओं को F L N के लक्ष्य़ों को शत- प्रतिशत प्राप्त करने के लिये तैयार करना।
2. संस्थान की सी0टी0 नर्सरी छात्राओं के उन्मुखीकरण हेतु समय-समय पर नवीतम् एवं लघु प्रशिक्षण कार्यक्रमों जैसे – योग, पोषण एवं स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन आदि का आयोजन कराना
3. निपुण भारत के लक्ष्यों- "आधारभूत भाषा ज्ञान एवं संख्या बोध कराना"
4. नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत 3 से 5 वर्ष तक की आयु के शिशुओं में उद्देश्य एंव लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु संस्कार विकसित करना।
5. शिशुओं को भविष्य में अपने अस्तित्व को स्थापित करने हेतु क्रियाशीलता के साथ जीवन कौशलों की प्राप्ति के लिये तैयार करना।
6. शिशुओँ को पारिवारिक वातावरण प्रदान करने हेतु उनके अभिभावकों से सम्पर्क स्थापित करना।
महाविद्यालय परिवार आप का स्वागत करता है| कॉलेज में पुस्तकीय ज्ञान के अतिरिक्त नैतिक मूल्यों, उच्च मानवीय आदर्शों तथा राष्ट्रीय उद्देश्य के अनुरूप शिक्षा, स्वाध्याय एवं संस्कार संवर्धन का उत्कृष्ट परिवेश है | यहाँ पर भारतीय संविधान में निहित आदर्शों एवं जीवन मूल्यों की दीक्षा दी जाती है | यहाँ उपलब्ध सुविधाओं का अपने उत्कर्ष हेतु सर्वोत्तम उपयोग करने तथा परिसर की गरिमा में अभिवृद्धि के लिए हम आपसे अपेक्षा करते हैं कि यह महाविद्यालय राष्ट्र के पुननिर्माण में अपनी सशक्त भूमिका का निर्वाह करने में आप सब के सहयोग से समर्थ होगा - ऐसा हमारा दृढविश्वास है |
अभिनव सत्र सभी प्राध्यापकों, कर्मचारियों, छात्रों तथा विशेषतः नवप्रवेशार्थियों हेतु प्रेरक एवं प्रीतिकर बने, ऐसी हमारी शुभकामना है|